जीवन की राह में जो मार्ग दिखाए
सही गलत की जो पहचान कराए
शिक्षा से जीवन में प्रकाश जगाए
अपने नैतिक ज्ञान से
जो जनमानस को सिंचता जाए,
स्वहित से परे जो सर्वप्रथम
राष्ट्रहित सिखाए
वही जो तुम को
सत्यमेव जयते का पढ़ाए,
तिनका तिनका मानस से
वो राष्ट्र निर्माण करता जाए
संपूण जीवन जिसने केवल बांटा
जननी के बाद
जिसने तुम्हारे अवगुणों को छांटा,
सम्पूर्ण ब्रह्मांड में न कोई कर पाया,
एक मात्र आचार्य हैं वो
जिसने अपने ज्ञान से संसार सजाया
जिसने अपने ज्ञान से संसार सजाया...
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