चमन चतुर
Synopsis
चमन
और चतुर दोनों बहुत गहरे दोस्त हैं, और दोनों ही एक्टर बनना चाहते हैं. चमन और
चतुर जहां भी जाते हैं, वहां कुछ न कुछ गड़बड़ कर के आजाते हैं. दोनों को बहुत अमीर
बनना है लेकिन दोनों इतने बेवकूफ हैं कि एक बार दोनों ने एक चाय का स्टार्ट-अप
करने की सोची तो ये दोनों वो चाय की दुकान भी ठीक से नहीं चला पाए. चीनी की जगह
चाय में नमक डाल कर लोगों को पिला दी, और एक बार दूध की जगह फिनाइल चाय में डाल
दिया.
दोनों
की जिंदिगी ऐसे ही दुनिया और समाज से लड़ते झगड़ते, गुज़र रही होती है . लेकिन ये
दोनों अपनी जिंदगी से बिलकुल भी परेशान नहीं है, ये दोनों अपनी जिंदगी को बहुत
एन्जॉय कर रहे हैं. लेकिन गरीबी से अब परेशान हो गये हैं और अगले दिन इस मुंबई शहर
को छोड़ कर जाने ही वाले होते है कि चमन को एक आइडिया आता है, वो चतुर से कहता यार
कल हम इस शहर को छोड़ कर चले जायेंगे, क्यों न आज इस रात को सेलिब्रेट करें. तो
दोनों फक्कड़ आदमी एक बार में जाते हैं और यहाँ इनकी किस्मत का एक नया दरवाज़ा खुलता
है. और ये दोनों बेवकूफ लोग अपनी किस्मत की चाबी किसी और के हाथ में देकर फिर से
ख़ाली हाथ अपने घर आजाते हैं. और बार की फ्री की दरु पी कर वहां मार खाते-खाते बचते
हैं.
लेकिन
किस्मत के खेल से कौन बच सका है, जब किस्मत- चाबी आप के हाथ में देती है तो वो
चाबी कहीं से भी घूम कर आप के हाथ में आ जाती है. और फिर से दोनों की किस्मत खुलती
है . लेकिन इस बार ये उतना असन भी नहीं होता...
Written By:
Bhishak Mohan Sharma
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