साला कान पर से टोपा हटाता तब सुनाई देता ना,
उसे चार बार बोला था
'बाल छोटे मत करियो'
एक बार तो उसके बॉस ने भी कह दिया
भईया बाल बड़े रखते हैं छोटे मत करियो, जैसे कह रहे हैं वैसे ही करियो,
साला पता नहीं क्या नशा करके बैठा था, कैंची ली और गुद्दी पर से कट...एक सेकंड में साला चार शॉट मार गया कच-कच-कच-कच, मैंने फिर कहा 'भाई छोटे नहीं करने हैं'
तो कहता है, 'नहीं भैया बस कर्ली बाल हटा रहा हूं'
फिर साला चार शॉट मार गया
कच-कच-कच-कच,
मैंने कहा 'रुक जा, रुक जा काका रुक जा, कान पर से टोपा हटा और रुक जा'
लेकिन क्या फायदा? तब तक तो भाई साहब बाल छोटे कर चुके थे।
क्या फायदा?
इतने सालों से मेंटेन किया हुआ लुक, उस लॉलीपॉप-सी शक्ल वाले ने कर दिया खराब, फिर बाद में जैसे-तैसे सेट करवा कर यह ऊपर के चांद के बाल बचाये हैं, जो आपको यह मेरे सिर पर खड़े घौंसले जैसे दिखाई दे रहे हैं, उसके बॉस शंकर ने ही सेट किए थे।
कहता है, 'भैया इसमें बड़े डीसेंट लग रहे हो'
दिल मैं आया एक झापड़ खींच कर दूं,
'अबे लॉलीपॉप, तेरे चूज़े जैसे चेले ने मेरे इतने सालों का मेंटेन किया हुआ लुक खराब कर दिया... पैसे तो पूरे लेगा तू लपड़ झन्ने...
बहरहाल हम अपने नए लुक के साथ कॉलेज पहुंचे, ऐसा रिस्पांस तो हमें कभी नहीं मिला था, जिसे देखो वह कन्या हमारे विषय में वार्तालाप कर रही थी...
और फिर आई हमारे दिल की धड़कन...
वह सामने आती है तो बसंत ऋतु का आगमन हो जाता है, पेड़ों से पत्ते झड़ने लगते हैं...हवाएं चलने लगती हैं...और जैसा बॉलीवुड फिल्मों में होता है, गिटार और वायलिन बजने लगते हैं, वैसे ही मेरे दिल की धड़कन भी गिटार की स्ट्रिंग्स की तरह बजने लगती हैं
तिडिंग-तिडिंग-तिंग-तिंग-तिंग,
तिडिंग-तिडिंग-तिंग-तिंग-तिंग...
इतने सारे शोर के बीच उसने हल्के-से धीरे-से अपनी मधुर आवाज में कहा
'सुनो अच्छे लग रहे हो',
'आय-हाय...अब तो तय कर लिया है, हेयर स्टाइल हमारा यही रहेगा... वैसे इतने बुरे भी नहीं काटे हैं, हमने अपने मोटरसाइकिल के शीशे में बालों को देखा...अरे ठीक नहीं बहुत अच्छे हैं।
चलिए अभी निकलते हैं, मैडम को ज़रा छोड़ कर आना है...
फिर मिलेंगे.
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