सलाम...
कभी-कभी कई सवाल दिल और दिमाग में आते हैं। जब छोटे बच्चे होते हैं तब तो कई सवाल होते हैं लेकिन बड़े होते-होते ये भी खत्म हो जाते हैं। पहले कभी-कभी विचार आता था की जितने भी धर्म हैं वो एक टीम हैं और हर धर्म की जाती जो है वो उस टीम के खिलाडी खिलाड़ियों में सिर्फ रंग का फर्क है जो अलग अलग जात हैं, नही तो सब का मकसद एक ही है इंसानियत। ये सब बनाई हम सभी ने हैं अपने-अपने स्वार्थ के लिए, नही तो कौन-सा ऊपर वाला कोई ठप्पा लगा कर भेजता है। आज ऐसी ही एक फिल्म देखी पीके। राज कुमार हिरानी और अभिजीत जोशी द्वारा लिखित तथा राजकुमार हिरानी दवारा निर्देशित। फिल्म में आमिर खान के सावल, हम सब को उनके सवालों के साथ कई जवाब भी देकर जाते हैं, जो शायद हमारी मदद कर सकते हैं हमारे समाज को और सुन्दर बनाने में। बहुत मुश्किल होता है अपनी मांन्यताओं के ऊपर उठ कर किसी बात को मानना और समझना लेकिन जो बात अच्छी लगे उसको काबुल भी करना चाहिए और शायद अब वक्त है इस सब से ऊपर सोचने का, ये सच है हम को उम्मीद चाहिए होती है लेकिन डर्र कि क्या ज़रूरत। सच में फिल्म में आमिर सर एक बच्चे कि तरह सवाल करते नज़र आते हैं और हर पहलु को समझाते हैं। और सच में कुछ लोग रोंग नंबर लगाकर हमारी फिरकी भी लेते हैं। ऐसी अधभुद सोच,लेखन, और दिखाने के तरीके को सलाम।
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