मंगलवार, 7 अप्रैल 2015

याद आती है

याद आती है 

हल्की सी मुस्कुराहट न जाने क्यों आती है 
जब तेरी याद आती है 
सुबह वो तेरे हाथ की चाय की प्याली 
याद आती है 
याद आती है वो तेरे हाथ की रोटी 
याद आती है 
मेरी बचकानी शरारतों पर 
तेरी गुस्से में छिपी मुस्कुराहट 
याद आती है 
घर देर से आने पर तेरी डांट 
याद आती है 
वो तेरा रूठ जाना और मेरा 
मनाना याद आता है 
माँ तेरी बहुत याद आती है 
........BMS

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