शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2014

आवारा बचपन


     

ये खामोशी भी आवाज़ करती है,
क्यों हर एक आँख फ़रियाद करती है,
क्यों दिखता है किसी का बचपन लाचार,
कि बेबसी भी अब बस करने की फरियाद करती है,
क्यों नन्हे हाथों में मेहनत के छाले हैं,
क्यों बच्चे जो सब की आँखों के तारे हैं,
आज सड़कों  के अवारा पत्थर बेचारे हैं ... 


चमन चतुर

  चमन चतुर Synopsis चमन और चतुर दोनों बहुत गहरे दोस्त हैं, और दोनों ही एक्टर बनना चाहते हैं. चमन और चतुर जहां भी जाते हैं, वहां कुछ न कु...