मैं रोज़ सुबह जल्दी उठने का आदी हूं। सुबह जल्दी उठता हूं, घर की छत पर जाता हूं और वहां टहलता हूं। कभी-कभी पड़ोस की छतों पर भी जाता हूं, बहुत सी लड़कियां तो सिर्फ मेरी वजह से ही छत पर सुबह जल्दी आती हैं, उनको मेरे साथ खेलना अच्छा लगता है और मुझे भी उनके साथ खेलना अच्छा लगता है।
लेकिन सुबह मुझे सोनिया की बाहों से निकलने में बड़ी मुश्किल होती है, सारी रात मुझे बाजुओं में कस कर सोती है। ख़ैर कुछ दिन पहले मैं रोज की तरह उठा, छत पर गया और टहल रहा था कि मैंने उसे देखा...मेरी आंखें मानो मेरे चेहरे से निकलने को थीं... वाह!...क्या गज़ब की लगती थी वह।
छज्जे की मुलगेढी पर जब चलती थी तो लगता था कि रैंप वॉक कर रही है। मेरी आंखें और मुंह खुला का खुला रह गया । क्या कमाल की बिल्ली थी वह...अगर यह मेरी जिंदगी में आ जाए, तो मैं सारी कायनात इसके लिए छोड़ दूं। चौंक क्यों गए?
मैं एक बिल्ला हूं तो बिल्ली पर ही तो मरूंगा ना।
काश उस वक्त कुछ और मांगता तो शायद वह भी मिलता।
वो मेरे पास आई और हमारे बीच बहुत अच्छी-अच्छी मियाऊं-मियाउं यानी बातें हुईं। मैं उसे चुपचाप अपने घर में नीचे ले गया, उसे पलंग के नीचे छुपा दिया। सोनिया ने मुझे आवाज दी, "आ जाओ किट्टू, चलो दूध पी लो", मैंने सोनिया के जाने के बाद उसे बाहर बुलाया और अपना दूध पिलाया।
सोनिया के बॉय फ्रेंड को बिल्लियां पसंद नहीं हैं पर वो सोनिया की वजह से मुझे कुछ नहीं कहता लेकिन एक और बिल्ली घर में देखते ही वह पागल हो गया। उसने मीनू पर गेंद से हमला किया। मेरी बेज्जती तो मैं सह लेता लेकिन मेरी प्रेमिका मीनू की बेज्जती मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई। मैं तीन दिन तक घर नहीं गया।
मीनू की तरह ही उसके साथ सड़क पर रहा। कचरे के डिब्बे से खाना निकाल कर खाया, मीनू ने मुझे खाना ढूंढ़ना सिखाया। मैं जिंदगी में कभी खाली ज़मीन पर नहीं सोया, ठंडा नहीं गुनगुना दूध पिया है मैंने हमेशा ,
मैंने मीनू के लिए सब कुछ छोड़ दिया था लेकिन मीनू मुझे ही धोखा दे रही थी। तीसरे दिन मैंने उसे किसी दूसरे बिल्ले के साथ देखा...कैसे देखा मैं बता नहीं सकता... मुझे यकीन नहीं हुआ अपनी आंखों पर...और कल जब मैं घर आया तो मैंने देखा कि राजू घर में एक कुत्ता ले आया है। सोनिया मुझे भूल गई और अब उस कुत्ते के साथ खेल रही थी। अब उस घर में मेरे लिए कोई जगह नहीं है, मैं पालतू से आवारा बन गया हूं। अब मैं सड़कों पर जीना सीख रहा हूं, ख़तरनाक कुत्तों से बचना, लोगों के दरवाजों पर जाकर उन्हें अट्रैक्ट करना सीख रहा हूं। कुछ अच्छे लोग कभी-कभी मुझे दूध भी पिला देते हैं। काश अगर मैं बोल पाता तो उनसे कहता कि प्लीज़ मुझे पाल लो घर में,
घर में रख लो, मैं बड़ा प्यारा बिल्ला हूं, घर में रहना चाहता हूं। आपका मन लगा कर रखूंगा । प्लीज़... मुझे घर दे दो... कोई तो इस सिर पर छत दे दो...प्लीज...