बुधवार, 19 फ़रवरी 2014

ज़रा सब्र करो

ज़रा सब्र करो 

हंसते हैं लोग यहाँ मासूम की मासूमियत पर 
करते हैं सवाल उसकी मासूमियत पर 
एक चेहरे के पीछे राज़ कई है 
हर मुस्कराहट में मुखौटों के अंदाज़ कई हैं 
सवाल कई है आँखों में सबकी 
सबके अपने अपने जवाब कईहैं 
सवालों भरी आँखों के लिए मेरे भी जवाब कई हैं 
कहता हूँ सब से रुको ज़रा सब्र से
मेरे भी अंदाज़े बयाँ कई हैं 
वक्त एक सा सब का रहता नहीं है
क्या करूं मेरा खुद पर ज़ोर चलता नही है 
अब अंदाज़ बयाँ बदलता नही है...

चमन चतुर

  चमन चतुर Synopsis चमन और चतुर दोनों बहुत गहरे दोस्त हैं, और दोनों ही एक्टर बनना चाहते हैं. चमन और चतुर जहां भी जाते हैं, वहां कुछ न कु...